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एक बार फिर से Chandrayaan-3 ने कमाल कर दिया है दुनिया भर के वैज्ञानिकों को दे रहा है आश्चर्यचकित रोचक तथ्य

By Studygovtsresult - Oct 14,2023
एक बार फिर से Chandrayaan-3 ने कमाल कर दिया है दुनिया भर के वैज्ञानिकों को दे रहा है आश्चर्यचकित रोचक तथ्य

Chandrayaan-3 – Overview

Name of post :Chandrayaan-3
Location :India

Chandrayaan-3 Update:  हम जानते हैं कि Chandrayaan 3 सक्सेसफुली लॉन्च हो चुका है और इसीलिए Chandrayaan  3 से कई सारे रोचक जानकारी मिल रही है।  और इस काम के लिए इसरो को पूरी दुनिया भर से काफी सारा सपोर्ट और उनके इस सफलता के लिए बधाइयां दिया गया है।  Chandrayaan  3 से 14 दिनों तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने जो डाटा इकट्ठे करके भेजा था उन्हें देखकर दुनिया भर के सभी साइंटिस्ट आश्चर्यचकित हो गए थे।  अमेरिका के एक प्रोफेसर जैफ्री गिल्लीस ने Chandrayaan 3 से जुड़े तमाम उपलब्धियां के बारे में विस्तार से एक आर्टिकल में बताया था। 

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Chandrayaan 3 के एक रीसेंट Report से यह पता चलता है कि चांद की मिट्टी में कई सारे धातु पाया गया है जैसे लोहा टाइटेनियम एल्यूमिनियम और कैल्सियम जो की काफी आश्चर्यचकित बात है।  और भी एक आश्चर्य कर देने वाला धातु जो की सल्फर वह भी पाया गया है।  भेजा गया नया डाटा से यह भी पता चलता है कि अधिक सल्फर सांद्रता हो सकती है।  प्रज्ञान के पास दो ऐसे कंपोनेंट्स है जो की मिट्टी का विश्लेषण करते हैं एक है अल्फा कण एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर और दूसरा है लेजर प्रेरित बैकग्राउंड स्पेक्ट्रोमीटर है। दोनों के इस्तेमाल से ही चांद के मिट्टी में धातुओं को पाया गया है।

दो मुख्य प्रकार की चट्टानें मिला है

चंद्रमा की सतह पर दो मुख्य प्रकार की चट्टानें पाया गया है जिसमें से एक है गहरी ज्वालामुखी चट्टान और दूसरा है चमकीली उच्च भूमि चट्टान।  पृथ्वी पर प्रयोगशालाओं में चंद्रमा की चट्टान और मिट्टी की संरचना को मापने वाली वैज्ञानिकों ने काफी रिसर्च के बाद इसके अंदर से पदार्थ को अलग करके उसके ऊपर परीक्षा चला रहे हैं।  परीक्षा के दौरान जब वह चट्टानें पिघलती है तो सल्फर मैग्मा का हिस्सा पाया जाता है।  सिर्फ यही नहीं मैग्मा में मौजूद अधिकांश सल्फर असल में गैस बन जाता है जो की वाटर वेपर और कार्बन डाइऑक्साइड के साथ निकलने लगता है। 

सल्फर की खोज इस तरह की पहली घटना

मैग्मा में सल्फर तो रहता ही है लेकिन ठंडा हो जाने के बाद वह चट्टान के रूप ले लेता है।  लेकिन फिर से अगर उसे चट्टान को पिघलाया जाए तो उसके अंदर से सल्फर को आसानी से निकाला जा सकता है और कुछ ऐसे गैस भी निकलता है जो की वाटर वेपर और कार्बन डाइऑक्साइड के साथ मिल जाते हैं।